COVID-19 महामारी और इसके परिणामस्वरूप सरकार द्वारा लगाई गई ड्रैकॉनियन लॉकडाउन हमारे जीवन के लगभग हर पहलू को प्रभावित कर रहा है, जिनमें से सबसे प्रमुख मानसिक स्वास्थ्य है।
इन्फेक्शन का डर और इससे जुड़े बहुतायत मीडिया कवरेज ने लोगों को अपने स्वास्थ्य को लेकर ज़्यादा चिंतित बना दिया है। आजकल हमलोग बीमारी से ज्यादा भावनाओं के संक्रमण का शिकार हो रहे हैं क्योंकि हमारे आस-पास के बहुत सारे लोग लॉकडाउन की श्रृंखला के साइड इफेक्ट का सामना करने में विफल रहे हैं। जो कि अंत में हमारे सिस्टम पर सवाल उठा रहा है।
बलपूर्वक लगाए गए लॉकडाउन के कारण बनी समग्र स्थिति, जो पिछले कई महीनों से चल रही है, यह हमें एक अनिश्चित भविष्य की ओर ले जा रही है। इसके साथ ही सोशल आइसोलेशन, बेरोजगारी की समस्या और सरकार की ड्रैकियन पुलिसिंग जिसने लोगों को घूमने-फिरने या तो अपने पसंदीदा सामाजिक गतिविधियों के लिए घर से बाहर निकलने पर प्रतिबंधित कर दिया है। ये सारी चीज़ें हम सब के अंदर डिप्रेशन का बीज बो रहा है।
डिप्रेशन का प्रभाव हमारे दैनिक दिनचर्या को प्रभावित करता है। इसके कारण लोग ध्यान केंद्रित करने या दैनिक जीवन की रूटीन वर्क को सुचारू रूप से करने में मानसिक रूप से तनाव महसूस करते हैं जैसे कि वो कैसे खाते हैं, सोते हैं और दुनिया के बारे में क्या सोचते हैं इत्यादि। मानसिक तनाव के कारण दूसरों को आसान लगने वाले चीज़ें आपको भारी लग सकती हैं। इनमें से कुछ चीज़े हैं जैसे कि -
a) अपने नौकरी या व्यवसाय के बारे में फुल टाइम सोचते रहना अथवा इन्वेस्टमेंट और फाइनेंस के बारे बहुत चिंतित नज़र आना।
b) जाने-अनजाने आवश्यकता से अधिक खरीदारी करने के तरीके के बारे में भ्रमित होना।
c) सोशल आइसोलेशन के कारण हमेशा परेशान रहना एवम फुल टाइम मोबाइल से चिपके रहना।
d) भविष्य के बारे में निराशा की बढ़ती भावना का अनुभव करना।
लॉकडाउन / पोस्ट कोरोना काल में अपने जीवन को बेहतर कैसे बनाए? नई चुनौतियों एवम असफलताओं से उत्पन्न डिप्रेशन का सामना कैसे करें ..?
जीवन का प्रबंधन -
ये तो आपने सुना होगा कि आप अपने जीवन के CEO हैं। इसलिए आपको जीवन के प्रबंधन के बारे में जानना बहुत जरूरी है।
एक सामान्य मानव जीवन को दो भागों में विभाजित किया जा सकता है।
1) निजी जीवन जहां आप अधिकांश नियंत्रण रखते हैं। चाहे वह आपके खुद के बारे में हो या व्यक्तिगत संबंधों की बात हो, यह आपकी व्यक्तिगत पसंद के अनुसार प्रभावित होता है।
2) सार्वजनिक जीवन आपके सामाजिक और आर्थिक जीवन का मिश्रण है। यहाँ समाज और अर्थव्यवस्था आप पर प्रभाव डालता है और आपको अपने अनुसार ढालता है।
आपकी निजी और व्यक्तिगत जीवन आपके लिए एक आंतरिक सुरक्षा रेखा या फायरवाल की तरह है जबकि सार्वजनिक जीवन आपकी मुख्य सुरक्षा परत है। दोनो में से एक का भी नष्ठ होना आपको पागल बना सकता है। जीवन की चार उप-श्रेणियों - निजी, व्यक्तिगत, सामाजिक और व्यावसायिक के एक दूसरे के ऊपर काफी प्रभाव होता है इसलिए इनमें से एक दूसरे को इंटरमिक्स करना, आपके जीवन में समस्याएं पैदा करता है।
टिप्स और सावधानियां -
लॉकडाउन के दौरान मेरी पहली गाइडलाइन है कि अपने आपको "इमरजेंसी जैसे हालात" में हर पल बिताने से बचना है। जितनी जल्दी हो सके अपने दिमाग में ये बात बैठा लें कि एक पूरी तरह से अलग स्थिति के लिए अनुकूल बनने का प्रयास करना है। इस महामारी के बाद दुनिया लगभग बदल सी गई है, इसलिए हम सबको भी बदलना होगा।
नीचे दिए ये अभ्यास किसी की परिस्थितियों को नहीं बदलेंगे, लेकिन इस पर ध्यान केंद्रित करने से लोग खुद को बेहतर महसूस करने की दिशा में कदम उठा सकते हैं।
1) यथासंभव सामान्य दिनचर्या का पालन करना।
2) समाचार और सोशल मीडिया के साथ उलझे हुए समय को सीमित करना क्योंकि यहाँ निगेटिव चीज़े ज्यादा वायरल होती रहती है। फुल टाइम नेगटिव न्यूज़ और सोशल मीडिया का उपयोग आपकी सोच को बुरी तरह से प्रभावित करते हैं।
3) शारीरिक रूप से सक्रिय होने के तरीके खोजना।
4) स्वास्थ्यवर्धक आहार का सेवन करना।
5) पर्याप्त नींद लेने की कोशिश करना।
6) आप क्या नियंत्रण कर सकते हैं उस पर ध्यान केंद्रित करना बजाय की दुसरों की आलोचना करते रहना।
7) सामाजिक संबंधों को यथासंभव बनाए रखना।
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